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Showing posts from July, 2023

अब 10 लाख इनकम पर भी नहीं देना होगा 1 रुपये भी टैक्स!

आपने हमेशा सुना होगा कि 2 लाख 50 हजार रुपये से ज्‍यादा कमाने पर इनकम टैक्‍स भरना पड़ता है, लेकिन अब हम आपको एक ऐसा तरीका बताते हैं कि जिसमें आपको 10 लाख तक की इनकम पर भी कोई टैक्स नहीं देना होगा.  आज हम आपको इन नियमों के बारे में बता रहे हैं. इससे आप अपने टैक्‍स को आसानी से बचा सकेंगे.          ऐसे फार्मूले से नहीं लगेगा टैक्‍स   1. मान लीजिए कि आपकी सालाना इनकम 10 लाख 50 हजार रुपये है तो आप इनकम टैक्‍स एक्‍ट के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके तहत आपको 50 हजार रुपये की छूट मिल जाएगी. अब टैक्‍सेबल इनकम 10 लाख रुपये बची. आइए जानते हैं इसे कैसे कम कर सकते हैं.  2.अब आप आयकर विभाग अधिनियम की धारा 80C के तहत 1 लाख 50 हजार रुपये का क्‍लेम कर सकते हैं. इसके तहत आप एलाईसी (LIC), पीपीएफ (PPF), बच्‍चों की ट्यूशन फी, म्‍यूचुअल फंड (ELSS) और ईपीएफ (EPF) में निवेश किए गए पैसों को क्‍लेम कर सकते हैं. इसके अलावा आप होम लोनके अमाउंट को भी क्लेम कर सकते हैं. अब आपकी टैक्‍सेबल इनकम 8 लाख 50 हजार रुपये रह जाती है.  3. आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में 50 हजार रुपये निवेश कर सकते हैं. इसके तहत

आयकर विभाग भेज रहा है नोटिस

दान, एलआईसी, रेंट एग्रीमेंट के मांग रहे सबूत:आयकर विभाग पूछ रहा- कौन है आपका सीए? इन्क्वायरी के नोटिस भेजना कर दिए शुरू इंदौर2 दिन पहले पिछले साल वेतनभोगी करदाताओं द्वारा आयकर में लिए रिफंड के मामलों में विभाग ने इन्क्वायरी के नोटिस भेजना शुरू कर दिए हैं। ज्यादातर नोटिस में करदाता द्वारा ली गई छूट के सबूत मांगे हैं, वहीं कुछ मामलों में करदाता के सीए, वकील या आयकर प्रोफेशनल का नाम, पता और नंबर भी मांगा जा रहा है। शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट अब क्लाइंट का रिटर्न भरने के साथ उनके द्वारा ली छूट के प्रमाण भी मांग रहे हैं। साथ ही इन्हें संभालकर रखना भी जरूरी हो गया है ऐसे में जरूरी है, क्लाइंट की सभी जानकारी मेल पर या अन्य किसी औपचारिक माध्यम पर रखी जाए, जिससे रिकॉर्ड मेंटेन करने में आसानी हो सके। संभवतः विभाग सीए के पास जाकर भी उसके द्वारा ली गई छूट का सत्यापन कर सकता है। इसके साथ ही मांगी जा रही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी में रेंट संबंधी या होम लोन में भरे जा रहे ब्याज संबंधी प्रमाण शामिल हैं। कई करदाताओं द्वारा अपने आयकर में रेंट अलाउंस के नाम पर और होम लोन पर भरे जा रहे ब्याज की छूट ली जाती ह