इनकम टैक्स डिार्टमेंट आपके PAN कार्ड से कैसे जानता है, आपकी कुंडली

अगर आपके पास परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN कार्ड है और अगर आप सोचते हैं कि टैक्स चोरी करके या गलत फाइलिंग दिखाकर या फिर टैक्स रिटर्न फाइल न करके बच सकते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है.

अगर आपकी सालाना टैक्‍सेबल इनकम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है तो income tax act के मौजूदा नियमों के तहत आयकर रिटर्न भरना जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसमें जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.

इनकम टैक्‍स विभाग पैन कार्ड के जरिए आपके बड़े ट्रांजेक्‍शन पर भी नजर रखता है. 

अब अगर आप कार खरीदते या बेचते हैं तो आपको अपना परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन देना होगा. आपकी पैन डिटेल से सरकार यह जान जाएगी कि आपने कार खरीदी या बेची है.  नए नियमों के तहत अब आपको 10  लाख रुपए से अधिक की अचल संपत्ति जैसे फ्लैट या प्‍लॉट खरीदने या बेचने पर पैन नंबर देना होता है. ऐसे में सरकार को यह पता चल जाएगा कि आपने 10 लाख रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है. अब अगर आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं तो इनकम टैक्‍स विभाग आपसे पूछेगा कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आपके पास पैसा कहां से आया. और आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल क्‍यों नहीं कर रहे हैं?

अगर आप एक साल में क्रेडिट कार्ड से 1 लाख रुपए या इससे अधिक की खरीदारी कर रहे हैं तो इसकी डिटेल भी सरकार के पास पहुंच जाएगी. 

अगर आप एक समय में होटल या रेस्‍टोरेंट का 50,000 रुपए से अधिक का बिल चुकाते हैं तो आपको पैन डिटेल देनी होगी. 

अगर आप एक बार में 50 हजार रुपए से अधिक म्‍युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको अपनी पैन डिटेल देन होगी.

अगर आपके बैंक अकाउंट में ज्‍यादा पैसा जमा होता है जो आपकी इनकम प्रोफाइल के अनुरूप नहीं है तो इनकम टैक्‍स विभाग आपसे पूछ सकता है।




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