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Showing posts from September, 2022

31 जुलाई से पहले दाखिल किया है रिटर्न लेकिन अभी तक नहीं मिला रिफंड? ऐसे पता करें क्या है वजह

  अगर आपको अभी तक अपना आयकर रिफंड नहीं मिला है, तो जांच लें कि विभाग ने इसे प्रोसेस किया भी है या नहीं। एक व्यक्ति को आईटीआर प्रोसेस होने के बाद ही रिफंड मिलता है। आपके रिटर्न की कर विभाग द्वारा जांच की जाती है और अगर कर विभाग पुष्टि करता है कि आप आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने के बाद धनवापसी के पात्र हैं, तभी आपको इनकम टैक्स का रिफंड मिलेगा। यदि आपका रिटर्न प्रोसेस हो गया है और रिफंड जारी किए जाने का मैसेज भी आ गया है, लेकिन अब तक पैसा नहीं मिला है तो आप धनवापसी की स्थिति की जांच कर लें। इसे एनएसडीएल की वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है। एनएसडीएल वेबसाइट पर आयकर रिफंड की जांच कैसे करें वेबसाइट https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html पर जाएं। अपना पैन नंबर और और असेसमेंट ईयर दर्ज करें। कैप्चा दर्ज करें और 'सबमिट' पर क्लिक करें। इसके बाद आपको स्क्रीन पर एक संदेश दिख जाएगा, जिसमें आपके रिफंड की स्थिति का जिक्र होगा।इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर कैसे चेक करें रिफंड यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खाते में लॉग इन करें। 'ई-फाइल' विक

आयकर विभाग ने बदल दिए हैं ये नियम, फर्जीवाड़ा करने वालों की अब खैर नहीं

  आयकर विभाग ने शनिवार को कहा कि अपराध समझौते से जुड़े कई मानदंडों में ढील दी गई है। यह ढील खासतौर पर ऐसे मामलों में लागू होगी, जहां आवेदक को दो वर्ष तक कैद की सजा सुनाई गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम 1961 के तहत अपराध समझौता से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा-276 के तहत अपराध को समझौता योग्य बनाया गया है। किसी संपत्ति या ब्याज से जुड़े कर की वसूली के लिए संपत्ति को अटैच करने से रोकने के लिए यदि कोई करदाता धोखे से किसी व्यक्ति, किसी संपत्ति या उसमें कोई ब्याज हटाता, छुपाता, स्थानांतरित करता या वितरित करता है, तो उसके खिलाफ धारा 276 के तहत कार्यवाही शुरू की जा सकती है। समझौते के तहत अपना अपराध स्वीकार करने वाला व्यक्ति निश्चित राशि का भुगतान करके कानूनी कार्यवाही से बच सकता है। कंपाउंडिंग व्यक्ति को अपने अपराध को स्वीकार करने और अभियोजन से बचने के लिए एक निर्दिष्ट शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देता है। कर विभाग ने उन मामलों में कंपाउंडिंग की अनुमति दी है जहां आवेदक को दो साल तक कैद की सजा सुनाई गई है। 16 सितंबर के संशोधित द