वैकल्पिक टैक्स स्लैब में क्या खोया क्या पाया

नय  वित्त वर्ष की शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ इनकम टैक्स से जुड़े कई नए नियम लागू हो गए हैं. इसके साथ ही आम लोगों को एक नए टैक्स स्लैब का भी विकल्प मिल गया है. 

अगर आप पुराने टैक्स स्लैब से नए टैक्स स्लैब में स्विच करना चाहते हैं तो आपके लिए दरखाजे खुल गए हैं. हालांकि, नए टैक्स स्लैब को अपनाने वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स डिडक्शन और एग्जेंप्शन का फायदा मामूली मिल सकेगा.

पुराना टैक्स स्लैब

2.5 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं देना होता. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक 5 फीसदी इनकम टैक्स था और इसमें भी रीबेट मिलता था. 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी इनकम टैक्स लगाया जाता था. इसके अलावा 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी आयकर देना होता था. हालांकि दोनों इनकम टैक्स सिस्टम में से करदाता एक को चुन सकते हैं.

पुराने टैक्स स्लैब में टैक्स छूट मिलेगी. अभी तक 80C के तहत एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी, यूलिप, ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड ईएलएसएस, पेंशन फंड, होम लोन, बैंकों में टर्म डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस में 5 साल के डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके लोग टैक्स छूट का फायदे उठाते हैं.

वैकल्पिक टैक्स स्लैब के तहत 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा. 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स होगा.

नई व्यवस्था में कुल मिलाकर 70 रीबेट छोड़ने के बाद नए टैक्स सिस्टम का फायदा मिलेगा. नए टैक्स स्लैब से करदाताओं को टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 24 के तहत मिलने वाली सभी छूट का फायदा खत्म हो जाएगा. नए टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की दर कम लगेगी लेकिन इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी.

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