अपने चेहरे से जो जाहिर, छुपाये कैसे
अपने चेहरे से जो जाहिर, छुपाये कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक, नज़र आये कैसे
घर सजाने का तस्व्वुर, तो बहुत बाद का है
पहले ये तो तय हो, इस घर को बचाये कैसे
कहकहा आंखों का, वर्ताव बदल देता है
हँसने वाले तुझे, आँशु नज़र आये कैसे
कोई अपनी ही नज़र से, देखेगा तुझको "साजन"
एक कतरे को, समंदर नज़र आये कैसे।
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