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Showing posts from June, 2020

EPFO खत्म हो रही पीएफ एडवांस निकालने की डेडलाइन, यहां जानिए विड्रॉल क्लेम का पूरा प्रोसेस

कोरोना वायरस महामारी की वजह से कैश की कमी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स को अपने अकाउंट से एक तय रकम निकालने की छूट दी है. देशव्यापी लॉकडाउन के पहले चरण के ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसका ऐलान किया था. इसके लिए सरकार ने EPFO के नियमों को आसान किया था, ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी व्यक्ति अपने अकाउंट से विड्रॉल कर सके. सरकार द्वारा दी गई इस सुविधा की मियाद 30 जून 2020 तक खत्म हो रहा है. पूरी होनी चाहिए ये तीन शर्त फाइनेंशियल इमर्जेंसी से निपटने के लिए क्‍लेम फाइल कर रहे हैं तो तीन अहम शर्तें हैं जिन्‍हें पूरा करना होगा. (1) यूएएन एक्टिवेट होना चाहिए (2) आधार वेरिफाइड हो और यूएएन के साथ लिंक हो और (3) यूएएन से सही आईएफएससी कोड के साथ बैंक खाता जुड़ा हो. ये है PF का पैसा निकालने का प्रोसेस स्टेप 1:  इस लिंक के माध्यम से अपने यूएएन (UAN) खाते में जाएं- https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ स्टेप 2:  ऑनलाइन सेवाओं पर जाएं और क्लेम फॉर्म पर क्लिक करें. स्टेप 3:  आपको एक पेज पर फिर से नि

ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 का आयकर विवरण (Income Tax Return) दाखिल करने की समयसीमा एक माह और बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 की.  सीबीडीटी ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न वित्त साधनों में निवेश की समयसीमा को भी एक माह  आगे बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है.  यानी अब कोई भी कर दाता पिछले वित्त वर्ष में कर छूट पाने के लिये 31 जुलाई 2020 तक कर छूट के विभिन्न निवेश साधनों में निवेश करके छूट पा सकता है. केंद्र सरकार ने इसके साथ ही  आधार कार्ड को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा  को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की जारी विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है. इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है. इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

40th GST Council meeting

40th GST Council meeting Recommendations| Late Fee & Interest Waiver | Cancellation Revocation ( June 15, 2020)  Once a GST registration is granted then you need to file GST return, on or before the due date. Non filing of GST return will result in compilation of heavy late fee (INR 50/20 per day) & interest and it may also result in cancellation of GST Registration by department.  In 40th GST Council meeting, GST Council has recommended to give one time opportunity to such GST return defaulters through following recommendation: 1. Reduction in late fee for GSTR 3B for July 2017 to January 2020 Late filing fee for GSTR-3B for the period of July, 2017 to January, 2020 has been recommended to waived as under: NIL late fee if there is no tax liability In case of any tax liability, late fee shall levy with maximum cap of INR 500 per GST Return. Waiver shall apply only for GSTR-3B filed between the period of 1st July, 2020 to 30th September, 2020. 2. Reli

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए हैं

सरकार ने उन लोगों के लिए भी आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी कर दिया है, जिनका पिछले वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल आया, उनके चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा रही या फिर जिन्होंने वर्ष के दौरान विदेशी यात्रा में दो लाख रुपये से अधिक खर्च किया।  इसी के साथ किसी आवासीय संपत्ति के संयुक्त मालिक आईटीआर-1 सहज फॉर्म भरकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। सीबीडीटी ने आईटीआर-1,2,3 और चार फॉर्म में नए कॉलम बनाए हैं, जिसमें  किसी भी प्रश्न का जवाब 'हां में है तो व्यक्ति या इकाई को 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य है।  कोविड-19 संकट के चलते सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है।  नए आयकर रिटर्न फॉर्म में अनुसूची-डीआई को भी जोड़ा गया है। इसके तहत करदाता को एक अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 के बीच कर-बचत योजनाओं में किए गए निवेश अथवा किसे गए अनुदान की अलग से जानकारी देनी होगी। इसका लाभ करदाता को 2019-20 के आयकर में ही मिलेगा। सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत