बदल चुका है फॉर्म 26AS, जानें- टैक्सपेयर्स को क्या होगा फायदा

फॉर्म 26 एएस और बदलाव

दरअसल, इस फॉर्म में स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) का ब्यौरा होता है. अब इस फॉर्म में संपत्ति और शेयर लेनदेन की सूचना को भी शामिल किया गया है. आसान भाषा में समझें तो संशोधित फॉर्म में करदाता के सभी बड़े वित्तीय लेनदेन का ब्योरा शामिल होगा.

इससे करदाताओं को आईटीआर फाइल करने में आसानी होगी. करदाता को फॉर्म के जरिए वित्तीय लेनदेन याद रहेगा और आईटीआर दाखिल करते समय उसके पास एक अनुमान पहले से ही तैयार होगा. आपको बता दें कि आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक है.

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