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PAN Card फर्जी है या ओरिजनल?

  किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए पैन कार्ड (PAN Card) होना सबसे जरूरी है. पैन कार्ड के दस अंको के जरिए आप बैंक अकाउंट खुलवाने, प्रॉपर्टी की खरीदने या बेचने, गाड़ी खरीदने या बेचने, आईटीआर फाइल करने, 2 लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी खरीद जैसे कई कामों को आसानी से कर सकते हैं, लेकिन आजकल फर्जी पैन कार्ड के कई मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में आप भी कोई भी ट्रांजेक्शन करने से पहले जान लें कि आपका भी पैन कार्ड कहीं फर्जी तो नहीं है. आइए हम आपको बताते हैं कि आप कैसे सही पैन कार्ड की पहचान कर सकते हैं. IT डिपार्टमेंट जारी करता है पैन इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 10 अंकों की एक पहचान संख्या जारी की जाती है. इसे परमानेंट अकाउंट नंबर कहते हैं. पैन कार्ड हमारी पहचान का एक जरूरी डॉक्यूमेंट है. खासकर वित्तीय मामलों में इसका बड़ा रोल है. ऐसे कर सकते हैं अपने PAN की पहचान- आपको सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा. यहां पर आपको सीधी तरफ ऊपर की ओर ‘वेरीफाई योर पैन डिटेल्स’ के लिंक पर क्लिक करना होगा. इसके बाद में यूजर्स को पैन कार्ड की डिटेल भरनी होगीं. इसमें आपको पैन नंबर, पैन

आप मोबाइल एप के जरिए भी अपना पैन कार्ड बनवा सकते हैं। आपको ये सुविधा सरकारी मोबाइल एप उमंग (UMANG) के जरिए मिलती है। गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को इंस्टॉल कर लें और फिर एप को ओपन करने के बाद अब अगले स्टेप में आपको ‘MY Pan’ सेक्शन में जाएं। फिर 49ए फॉर्म को ध्यान से भरना होगा। इसमें आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि की जानकारी मांगी जाती है। इसके साथ ही आपको आधार नंबर भी देना होगा। फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।

आप मोबाइल एप के जरिए भी अपना पैन कार्ड बनवा सकते हैं। आपको ये सुविधा सरकारी मोबाइल एप उमंग (UMANG) के जरिए मिलती है। गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को इंस्टॉल कर लें और फिर एप को ओपन करने के बाद अब अगले स्टेप में आपको ‘MY Pan’ सेक्शन में जाएं। फिर 49ए फॉर्म को ध्यान से भरना होगा। इसमें आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि की जानकारी मांगी जाती है। इसके साथ ही आपको आधार नंबर भी देना होगा। फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। आप मोबाइल एप के जरिए भी अपना पैन कार्ड बनवा सकते हैं। आपको ये सुविधा सरकारी मोबाइल एप उमंग (UMANG) के जरिए मिलती है। गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को इंस्टॉल कर लें और फिर एप को ओपन करने के बाद अब अगले स्टेप में आपको ‘MY Pan’ सेक्शन में जाएं। फिर 49ए फॉर्म को ध्यान से भरना होगा। इसमें आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि की जानकारी मांगी जाती है। इसके साथ ही आपको आधार नंबर भी देना होगा। फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। www.sinhagroup.net

बच्चा 18 साल का हो गया है तो ऐसे बनवाएं PAN Card, जानिए ये आसान तरीका

पैन कार्ड किसी भी नागरिक के लिए एक अहम दस्तावेजों में से एक माना जाता है। वित्तीय लेन-देन में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कई तरह की जानकारियां होती हैं, जैसे नाम, जन्मतिथि, फोटो पैन नंबर आदि। अक्सर अभिभावकों के मन में यह सवाल होते हैं कि बच्चों के लिए पैन कार्ड बनाया जा सकता है या नहीं। अगर हां तो कौन सी उम्र के बच्चों के लिए इसे बनवाया जा सकता है। नियमों के मुताबिक बच्चा 18 साल का हो जाए तो तभी पैन कार्ड के लिए अप्लाई किया जकता है। इसके लिए अभिभावकों को एनएसडीएल की वेबसाइट के इस लिंक https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserRegisterContact.html पर क्लिक करना होगा। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए इन https://www.tin-nsdl.com/services/pan/pan-index.html, https://www.utiitsl.com/UTIITSL_SITE/ वेबसाइट्स पर जाना होगा। इनके होम पेज पर ही पैन कार्ड के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन आपको मिल जाएगा। वहां मांगी गईं जरूरी डिटेल्स डालकर नए पैन कार्ड के लिए अप्लाई किया जा सकता है। आपके सामने एक पेज खुलकर आएगा। जिसमें आपको सबसे पहले नए कार्ड के लिए फॉर्म भरना होगा। यहां आपको Application Type, Categ

10 जांच एजेंसियों के साथ पैन-खाते की जानकारी साझा करेगा आयकर विभाग

आयकर विभाग ने सीबीआई, एनआईए सहित 10 जांच एजेंसियों के साथ पैन और खाते की जानकारी साझा करने का आदेश दिया है। सूचनाएं आतंकवाद रोधी प्लेटफॉर्म नाटग्रिड के जरिये साझा की जाएंगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि अनियमितता वाले किसी भी मामले में पैन, कर कटौती, संग्रह खाता नंबर (टैन), बैंक खाता, आईटीआर व टीडीएस आदि की जानकारी 10 जांच एजेंसियों से साझा की जा सकती है।  सीबीआई, डीआरआई, ईडी, सीबीआईसी, कैबिनेट सचिवालय, जीएसटी निदेशालय, आईबी, नारकोटिक्स, वित्तीय जांच इकाई और एनआईए को पहले ही नाटग्रिड से रियल टाइम डाटा लेने की अनुमति है। सूचनाएं साझा करने को सीबीडीटी और नाटग्रिड ने एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समझौते से साइबर खतरे को कम किया जा सकता है। अवांछित लेनदेन या वित्तीय धोखाधड़ी को भी समय रहते उजागर किया जा सकेगा। www.sinhagroup.net

बड़ी खबर: Online Shopping करने वालों के लिए खुशखबरी, देश में 27 जुलाई से लागू होंगे ये नए नियम

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) के अंदर ही ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों पर भी नए नियम लागू होंगे. यह कानून भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 का ही हिस्सा है. इसे भी 20 जुलाई 2020 से ही देश में लागू किया जाना था, लेकिन इसको अब 27 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार 27 जुलाई 2020 से देश में ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों के लिए नए नियम लागू कर देगी. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) के अंदर ही ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी नए नियम लागू होंगे. यह कानून भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 का ही हिस्सा है. इसे भी 20 जुलाई 2020 से ही देश में लागू किया जाना था, लेकिन इसको अब 27 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाएगा. बता दें कि बीते 20 जुलाई से पूरे देश में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू है. उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) 27 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान करेंगे. देश में पहली बार ई-कॉमर्स कंपनयों के लिए कोई गाइडलाइंस बना है. इससे पहले उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में ई-कॉमर्स कं

Know all about TDS Provisions under GST

Introduction The concept of deducting tax at source was initially introduced under the Income Tax Act, 1961. It is also incorporated under the GST law. It has been proven advantageous to the government as it restricts the evasion of tax and it ensures a steady source of revenue for the government. Section 51 of the CGST Act, 2017 prescribes the procedure for ‘Tax Deduction at Source’ (TDS) under the GST regime. Let us learn the same in detail. What is TDS? TDS is one of the mechanisms by way of which the government collects taxes. TDS is a certain percentage on the amount payable by the receiver on the supply of goods or services. The recipient is the person who will pay to the supplier the value of the supply along with GST. He will deduct the tax at source for certain cases. Therefore, under TDS provisions, Recipient = Deductor Supplier = Deductee Who is required to deduct tax at source? The Government may order the following persons to deduct tax at source: department or establishme

बदल चुका है फॉर्म 26AS, जानें- टैक्सपेयर्स को क्या होगा फायदा

फॉर्म 26 एएस और बदलाव दरअसल, इस फॉर्म में स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) का ब्यौरा होता है. अब इस फॉर्म में संपत्ति और शेयर लेनदेन की सूचना को भी शामिल किया गया है. आसान भाषा में समझें तो संशोधित फॉर्म में करदाता के सभी बड़े वित्तीय लेनदेन का ब्योरा शामिल होगा. इससे करदाताओं को आईटीआर फाइल करने में आसानी होगी. करदाता को फॉर्म के जरिए वित्तीय लेनदेन याद रहेगा और आईटीआर दाखिल करते समय उसके पास एक अनुमान पहले से ही तैयार होगा. आपको बता दें कि आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक है.