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वायरल मैसेज का करा सकते हैं फैक्ट चेक

वायरल मैसेज का करा सकते हैं फैक्ट चेक केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि इस तरह की फेक खबरों से दूर रहे और इन खबरों को किसी के साथ भी शेयर न करें. अगर आप भी किसी वायरल मैसेज का सच जानना चाहते हैं तो 918799711259 इस मोबाइल नंबर या socialmedia@pib.gov.in पर मेल कर सकते हैं.  www.sinhagroup.net

इन 4 खर्चो को देखते ही भेज देगी नोटिस. टैक्स से ज़्यादा लग जाएगा जुर्माना

अगर आपके भी खाते में कुछ इस प्रकार के लेनदेन हुए हैं तो आपको ध्यान रखने की जरूरत है. बैंक के बचत खाते में 10 लाख से ज्यादा नकद या जमा, चालू खाते से 50 लाख से ज्यादा की निकासी या डिपॉजिट 10 लाख से ज्यादा की बैंक एफडी और क्रेडिट कार्ड से 1 लाख से ज्यादा का पेमेंट 10 लाख से ज्यादा म्यूचुअल फंड में निवेश, बॉन्ड, शेयर्स या डिबेंचर्स ट्रांजेक्शन क्रेडिट या करेंसी कार्ड से 10 लाख से ज्यादा विदेशी मुद्रा के लेनदेन पर अगर इन सारे बनाए गए पैरामीटर पर आपकी खामियां पाई जाती हैं तो इनकम टैक्स विभाग के तरफ से आपके ऊपर कभी भी नोटिस आ सकता है और साथ ही साथ नोटिस का सही उत्तर नहीं पाने पर कार्यवाही भी हो सकती हैं. www.sinhagroup.net

UPI से गलत खाते में चला जाये पैसे, तो ऐसे ले सकते है वापस

  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा बनाया गया है प्रोसेस जल्दी बाजी में लोग कई बार गलत अकाउंट में पैसे यूपीआई के माध्यम से भेज देते हैं इसके लिए आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा पूरा प्रोसेस बनाया गया है जिसका प्रयोग किया जा सकता है पैसे वापस लेने के लिए आप अपने बैंक से बातचीत कर सकते हैं। अपने यूपीआई ऐप से संपर्क करें- अगर आपने गलत यूपीआई पर पेमेंट कर दिया है तो सबसे पहले आपको अपने यूपीआई ऐप के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्जा करवाना है चाहे आप फोनपे, गूगल पे या पेटीएम ऐप इस्तेमाल करते हैं  इन सभी ऐप्स के हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं और याद रहे कि उस गलत ट्रांजैक्शन का स्क्रीन शॉट जरूर देना है। BHIM App करें शिकायत शिकायत दर्ज कराने के बाद आपको भीम ऐप के टोल फ्री नंबर 1800- 120- 1740 कॉल करके शिकायत दर्ज करवाना है।रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दे कि गलत लेनदेन के बारे में भीम एप पर पूछे गए सवाल के जवाब में उत्तर मिला कि भेजा जा चुका पैसा वापस नहीं आ सकता है। केवल वही व्यक्ति आपका पैसा वापस कर सकता है जिसके खाते में वह पैसा गया है। तो आपको बता दें ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपको ब

31 जुलाई से पहले दाखिल किया है रिटर्न लेकिन अभी तक नहीं मिला रिफंड? ऐसे पता करें क्या है वजह

  अगर आपको अभी तक अपना आयकर रिफंड नहीं मिला है, तो जांच लें कि विभाग ने इसे प्रोसेस किया भी है या नहीं। एक व्यक्ति को आईटीआर प्रोसेस होने के बाद ही रिफंड मिलता है। आपके रिटर्न की कर विभाग द्वारा जांच की जाती है और अगर कर विभाग पुष्टि करता है कि आप आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने के बाद धनवापसी के पात्र हैं, तभी आपको इनकम टैक्स का रिफंड मिलेगा। यदि आपका रिटर्न प्रोसेस हो गया है और रिफंड जारी किए जाने का मैसेज भी आ गया है, लेकिन अब तक पैसा नहीं मिला है तो आप धनवापसी की स्थिति की जांच कर लें। इसे एनएसडीएल की वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है। एनएसडीएल वेबसाइट पर आयकर रिफंड की जांच कैसे करें वेबसाइट https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html पर जाएं। अपना पैन नंबर और और असेसमेंट ईयर दर्ज करें। कैप्चा दर्ज करें और 'सबमिट' पर क्लिक करें। इसके बाद आपको स्क्रीन पर एक संदेश दिख जाएगा, जिसमें आपके रिफंड की स्थिति का जिक्र होगा।इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर कैसे चेक करें रिफंड यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खाते में लॉग इन करें। 'ई-फाइल' विक

आयकर विभाग ने बदल दिए हैं ये नियम, फर्जीवाड़ा करने वालों की अब खैर नहीं

  आयकर विभाग ने शनिवार को कहा कि अपराध समझौते से जुड़े कई मानदंडों में ढील दी गई है। यह ढील खासतौर पर ऐसे मामलों में लागू होगी, जहां आवेदक को दो वर्ष तक कैद की सजा सुनाई गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम 1961 के तहत अपराध समझौता से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा-276 के तहत अपराध को समझौता योग्य बनाया गया है। किसी संपत्ति या ब्याज से जुड़े कर की वसूली के लिए संपत्ति को अटैच करने से रोकने के लिए यदि कोई करदाता धोखे से किसी व्यक्ति, किसी संपत्ति या उसमें कोई ब्याज हटाता, छुपाता, स्थानांतरित करता या वितरित करता है, तो उसके खिलाफ धारा 276 के तहत कार्यवाही शुरू की जा सकती है। समझौते के तहत अपना अपराध स्वीकार करने वाला व्यक्ति निश्चित राशि का भुगतान करके कानूनी कार्यवाही से बच सकता है। कंपाउंडिंग व्यक्ति को अपने अपराध को स्वीकार करने और अभियोजन से बचने के लिए एक निर्दिष्ट शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देता है। कर विभाग ने उन मामलों में कंपाउंडिंग की अनुमति दी है जहां आवेदक को दो साल तक कैद की सजा सुनाई गई है। 16 सितंबर के संशोधित द

ITR Filing Rules:

  नहीं छुपा पाओगे अपनी इनकम, जान लें ITR के नए रूल्स आम तौर पर लोग खासकर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 (Form-16) के आधार पर आईटीआर फाइल कर देता है। हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। एआईएस और टीआईएस यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है। एआईएस में आपको सैलरी सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत स्पेसिफाई किया गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में एआईएस (AIS) यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement) और टीआईएस (TIS) यानी टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (Taxpayer Information Summary) लॉन्च की है। डिपार्टमेंट ने इनकी शुरुआत आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल बनाने के लिए की है। जानें कैसे करें एआईएस/टीआईएस को डाउनलोड  सबसे पहले इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएं। अब पैन नंबर (PAN Number), पासवर्ड की मदद से अपने अकाउंट में लॉग इन करें। ऊपर मेन्यू में सर्विसेज टै

कार चलाते समय फोन पर बात करने पर नहीं कटेगा चालान, देखें यह नियम

  आप वाहन चलाते हुए फोन पर बात कर सकते है। जी हां, ट्रैफिक नियम के अनुसार ऐसा करने पर कोई भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपका चालान नही काट सकता। अगर वह ऐसा करता है तो आप इसको कोर्ट में चुनौती दे सकते है। दरअसल नियम के अनुसार वाहन चलाते वक्‍त यदि कोई चालक हैंडफ्री कम्‍यूनिकेशन फीचर का उपयोग कर अपने फोन पर बात करता है तो यह दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा। इसके लिए वाहन चालक को कोई जुर्माना भी नहीं भरना पड़ेगा। यह जानकारी स्‍वयं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री ने लोकसभा में दी थी। लोकसभा में हिबी ईडन ने सवाल पूछा था कि क्‍या मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 184 (ग) में मोटर वाहनों में हैंडफ्री कम्‍यूनिकेशन फीचर के इस्‍तेमाल के लिए कोई दंड का प्रावधान है। इस प्रश्‍न के उत्‍तर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि मोटर व्हीकल (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 184 (ग) में मोटर वाहन चलाते समय में हैंड-हेल्‍ड कम्‍यूनिकेशन उपकरणों के इस्‍तेमाल के लिए दंड का प्रावधान है। उन्‍होंने कहा कि वाहन में हैंडफ्री कम्‍यूनिकेशन उपकरणों के उपयोग पर कोई दंड नहीं लगाया जा