मैं दिल की दिल में रखता हूं

मैं दिल की दिल में रखता हूं 
बस यही मेरा दोष है 
जिसमें जितना प्यार है 
उतना ही वह खामोश है 
मैं अपनी कहानी कैसे कहूं 
उसमें तेरा नाम भी आएगा 
होगी गर रुसवाई तेरी तो 
सर मेरा भी झुक जाएगा 
अंजाम ए मोहब्बत क्या होगी 
इसकी मुझे सोच नहीं है
तू ना मुझे पहचान सकी "साजन"
 बस इसी का अफसोस है

Comments

Popular posts from this blog

अब 10 लाख इनकम पर भी नहीं देना होगा 1 रुपये भी टैक्स!

इन 4 खर्चो को देखते ही भेज देगी नोटिस. टैक्स से ज़्यादा लग जाएगा जुर्माना

वायरल मैसेज का करा सकते हैं फैक्ट चेक