संसार जरूरत के नियम पर चलता है
संसार जरूरत के नियम पर चलता है
सर्दियों में जिस सूरज का इंतजार होता है
उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है
आपकी कीमत भी तभी तय की जाएगी
जब आपकी जरूरत होगी
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